जीवन लम्बा नहीं, सुन्दर होना चाहिए। हमारे जीवन की डोर हमारे ही हाथों में है। भगवान भी उसी की सहायता करते हैं जो स्वयं की सहायता खुद करते हैं। जिन्दगी, जिन्दादिली का नाम है, मुर्दा दिल क्या खाक जिया करते हैं? यह जीवन आपका है। इसके निर्माता या विध्वसंक आप स्वयं हैं-
* जीवन एक लंबा नाटक है। इसमें आपका अभिनय कैसा हो, यह आपको सोचना है। सुन्दर मूर्ति की भांति जीवन चारों तरफ से सुन्दर होना चाहिए।
* यदि आप आशावादी विचार धारा रखते हैं तो आपकी जिन्दगी में परेशानियां कम हो सकती है।
* जीवन को समृध्द एवं विविधता पूर्ण आपको स्वयं ही बनाना है। आपका धर्म, आपका सद्व्यवहार एवं सुन्दर दिनचर्या ही है।
* र् ईष्या, उदासी मन में न आने दें। इससे आपकी सुन्दरता कम होती है। चेहरे पर झुर्रियां पड़ जाती हैं।
* आज, अभी इसी वक्त का ही जीवन है। जो बीत गया वह सपना है, भविष्य कल्पना है। सुखी वर्तमान से ही भविष्य स्वर्णिम बनता है।
* यह संसार-सदा से ही है- न हम रहेंगे, न तुम रहोगे-वक्त के साथ दुनिया का कारवां चलता रहेगा। यह मत समझें कि हम न होंगे तो दुनिया रूक जायेगी।
* हम जिन्दगी में दो ही कारणों से असफल होते हैं। एक तो बिना विचारे हम कुछ काम कर जाते हैं और कुछ बेसिर- पैर के काम कर जाते हैं।
* जिन्दगी का फलसफा एक पियानों की भांति माना गया है। सफेद स्वर सुख के द्योतक है और काले स्वर दुख की परिभाषा करते हैं। यदि दोनों स्वर ठीक से बजाए जाएं तो मधुर संगीत निकलता है।
* हवा में उड़ता हुआ कागज अपने भाग्य के कारण उड़ता है परन्तु पक्षी अपनी ऊर्जा एवं परिश्रम के कारण उड़ जाता है। जिन्दगी में परिश्रम से आगे बढ़ा जा सकता है। पक्षी बनें, कागज मत बनें।
* जिन्दगी के रंगमंच पर कभी रिहर्सल नहीं चलती- हर दिन एक नया और बढ़िया शो दें। यहां रिवाइंड नहीं होता अत: अपना बैस्ट शाट देवें और सफल हो जाए।
* किसी से मुस्कान मत मांगें, परन्तु मुस्कान देने की कोशिश करें। प्यार न मांगें, वरन देवें। यह न कहें कि मैं आपके बिना नहीं रह सकता अपितु कहे- कि मैं आप ही के लिए जीवित हूं- यही आनन्द और उत्सव का रहस्य है।
यदि जिन्दगी में कोई रूकावट आपके नीचे हैं तो उसके ऊपर से निकल जाएं- यदि आपके ऊपर रूकावट है तो उसके नीचे से सरक जाएं।
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