Thursday, September 16, 2010
तनाव का आत्मीय इलाज है म्यूजिक थैरपी
क्या तनाव बढ़ता जा रहा है? अगर दवाओं के बिना कुछ राहत चाहते हैं तो कुछ संगीत सुनने का प्रयास कीजिए। अपनी जड़ों पर वापस लौटना इतना कूल कभी नहीं था। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि तनाव से मुक्ति पाने के लिए बहुत लोग गैर-परम्परागत उपचारों का सहारा ले रहे हैं जैसे म्यूजिक थैरपी।तनाव दूर करने की सूची पर शायद संगीत को पहली वरीयता प्राप्त हो। लेकिन इस तथ्य को कम लोग जानते हैं कि इस विज्ञान आधारित थैरपी का वास्तव में बहुत अधिक प्रयोग किया जाता है। चाइल्ड बर्थ के दौरान दर्द से राहत देने से सेन्ट्रल नर्वस डिसआर्डर को ठीक करने तक सा रे गा मा का प्रयोग किया जाता है। शोधों से मालूम हुआ है कि विभिन्न साइक्रोमेटिक और सेन्ट्रल नर्वस सिस्टम बीमारियों के उपचार में संगीत का इस्तेमाल किया जा सकता है। विशेषज्ञों ने संगीत का प्रयोग ट्रेन्कुलाइजर के रूप में किया है ताकि सिडेटिव्स का प्रयोग कम या पूरी तरह से समाप्त किया जा सके और खासकर ओटिज्म क्लीनिकल डिप्रेशन, ब्लड प्रेशर और हृदय रोग की स्थितियों में। गंभीर बीमारियों के अलावा म्यूजिक थैरपी कम्युनिकेशन क्षमता और आत्मविश्वास विकसित करने में भी मदद करती है, खासकर बच्चों में। कुछ विशेषज्ञों ने ध्यान और शास्त्रीय संगीत का गठबंधन बनाया है ताकि तन और आत्मा की बुलंदियों पर पहुंचा जा सके। इसे सुचारू ढंग से प्रयोग करने के लिए भारत में अब तक 8000 छात्र इसकी ट्रेनिंग ले चुके हैं। प्राचीन सोच यह है कि खुश रहने के लिए मानव जीवन के सभी सात चक्र ट्यून्ड रहें। यह चक्र हैं- महत्वाकांक्षा, उत्तेजना, प्रेम, अच्छे संबंध, उत्साह, फोकस और अध्यात्म। ध्यान व संगीत थैरपी कार्यक्रम में इन्हीं चक्रों को ट्यून करना सिखाया जाता है। दिल्ली की फरजाना समीन बताती हैं, ‘म्युजिक थैरपी सत्र के शुरूआत में मेरा ऑटिस्टिक बेटा बिल्कुल सहयोग नहीं करता था। लेकिन उसके टीचर ने उसकी मदद की और अब उसका आत्मविश्वास काफी हद तक बढ़ गया है। वह संगीत को तनाव दूर करने के लिए इस्तेमाल करता है। आज वह इतना इन्टरैक्टिव हो गया है कि उसने बिना घबराहट व झिझक के स्टेज पर भी परफार्म करना शुरू कर दिया है।’ ओक्युपेशनल थैरपिस्ट और आटिस्टिक बच्चों के लिए विशेष स्कूल की संस्थापिका रिशा घूलप को विश्वास हो गया है कि जो आटिस्टिक बच्चे म्युजिक थैरपी से गुजरते हैं वह अधिक सतर्क और इंटरैक्टिव हो जाते हैं उन बच्चों की तुलना में जो म्युजिक थैरपी नहीं करते।
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बहुत अच्छी जानकारी !!!
ReplyDeleteअथाह...
dhnyvaad