Saturday, February 11, 2012

नर्सरी शिशुओं में तनाव बढ़ाता

कामकाजी महिला एवं व्यस्त गृहिणी शिशु को 2 वर्ष का होने के बाद नर्सरी में भेजकर उसके आगामी भविष्य के लिए निश्चित हो जाता है। यह एक आम धारणा है कि शिशु को जल्द ही नर्सरी भेज देने से वह आगामी दिनों की चुनौतियों एवं प्रतिस्पध्र्दा के लिए जल्द ही सीखकर तैयार हो जाता है किन्तु शिशु को जल्द ही नर्सरी भेजना उसके स्वास्थ्य के जोखिम को बढ़ा सकता है। नर्सरी में उपस्थित सभी बच्चों का शरीर, ताकत एवं बौध्दिक स्तर एक जैसा नहीं होता। यही निबल बच्चों का तनाव बढ़ाता है। वे मां की छाया के अभाव में दुःखी एवं उदास रहने लगते हैं। उन्हें संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है। यह सब उसके दिल के खतरों को बढ़ाता है। अतएव यदि संभव हो तो शिशु को अत्यन्त कम उम्र में नर्सरी न भेजें। नर्सरी की सुविधा साफ-सफाई एवं वहां के बच्चों को इत्मीनान से देखकर ही शिशु को नर्सरी भेजिए। घर वापसी में उसके चेहरे एवं भाव को परखिए। यह रायल सोसाइटी के अध्ययन का निष्कर्ष है।

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