पैदल चलने एवं सुबह की हवा की भांति हंसने को सौ रोगों की एक दवा कहा गया है। हाल ही में शोधकर्ताओं ने अपने एक शोध में पाया है कि जो ठहाकेदार हंसी हंसता है उसे दर्द की अनुभूति कम होती है। उसमें दर्द सहने की क्षमता बढ़ती है। तनाव एवं अवाद उसके पास नहीं फटकता है।
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