Wednesday, March 13, 2013

जीवन जीने की कला-स्वस्थ रहें, खुश रहें



स्वस्थ रहो, खुश रहो, यह सदा ही अच्छे स्वास्थ्य का मूलमंत्र रहा है। इस बार इसी मंत्र को विस्तारपूर्वक समझाने का प्रयास कर रहा हूं। आप यदि चाहते हैं चुस्त और आकर्षक दिखना तो मात्र इसे पढ़ने से काम नहीं चलेगा। आपको कदम बढ़ाकर साथ चलना होगा। सदियों से चले आ रहे वाक्य को ईमानदारी से जीवन में आजमाना होगा।
याद रहे कि हमने ही शतरंज के घोड़े की तरह ढाई घर की चाल चलकर अपने स्वास्थ्य और सुख-चैन को मिट्टी में मिला दिया है। अब जाकर चेत रहे हैं हम! आज हर उम्र के लोग फिटनेस मेनिया से त्रस्त हैं। दूसरों की देखादेखी आप और हम भी कभी सुबह की सैर को निकल पड़ते हैं तो कभी हफ्ता-दस दिन डायटिंग कर लेते हैं। फिर वही दौड़-धूप। वही फास्ट फूड। वही असंतुलित भोजन और अंतत: तनावग्रस्तता।
सभी योग को जरूरी मानने लगे हैं किन्तु तैयार अभी भी नहीं है योगासन और प्राणायाम करने के लिये। फिटनेस, कसरत, पौष्टिक आहार किसी खास वर्ग की बपौती नहीं है। पहले जमाने में जिंदगी इतनी आसान नहीं थी। शारीरिक श्रम बहुत जरूरी था। घर के कामों में ही अच्छी-खासी कसरत हो जाया करती थी। जैसे-जैसे विज्ञान प्रगति करता गया, भौतिक सुविधाएं बढ़ने लगी। जिंदगी आसान बनने लगी। श्रम घट गया लेकिन दौड़-धूप बढ़ गयी। खान-पान बदल गया। प्रकृति से दूर होने लगे हमे।
फिटनेस का अर्थ सुडौल शरीर है न कि मांसल सौंदर्य से। शारीरिक फिटनेस कोई एक दिन में नहीं पायी जा सकती। यह तो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। हमारे भावनात्मक, सामाजिक, शारीरिक, मानसिक व आध्यात्मिक स्वास्थ्य के लिये नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, तनाव मुक्ति, पूरी नींद और आराम के साथ व्यसनों से मुक्त जीवन शैली भी जरूरी है।
स्वास्थ्य और फिटनेस के नियमों के विषय में जानकारी होना भर ही नहीं, अपने जीवन में उनका पालन करना भी नितांत जरूरी है।
सही फिटनेस के लिये सही पोस्चर
हमारी फिटनेस ठीक तभी रहेगी जब हम सही ढंग से चलेंगे-फिरेंगे, उठेंगे-बैठेंगे। पोस्चर सही न होने पर कई प्रकार के शारीरिक कष्ट हो सकते हैं जैसे सिर टेढ़ा होने से मुंह टेढ़ा लगेगा, गर्दन टेढ़ी हो जायेगी और उसमें दर्द होगा। आंखों पर भी असर पड़ेगा, वे कमजोर हो जाएंगी। पेट बड़ा हुआ नहीं कि कमर, घुटनों और टांगों में दर्द शुरू हो जायेगी।
पैरों की पोजीशन ठीक नहीं होने से पिंडलियों व एड़ी में दर्द रहने लगता है। हमेशा सीधे चलें। बायां पैर आगे ले जाते समय दायां हाथ और दाएं पैर के साथ बायां हाथ आगे आना चाहिये हाथ-पैर दोनों साथ-साथ चलने चाहिये।
बदलें अपनी बुरी आदतें
सुबह की सैर और शाम को कुछ देर बैडमिंटन या टेनिस खेलना स्वास्थ्य के लिये बहुत फायदेमंद है। स्वस्थ रहने के लिये बहुत जरूरी है हृदय और श्वासन तंत्र सुचारु रूप से काम करें। ब्लडप्रेशर नियंत्रित रखें। कोलेस्ट्राल नियंत्रित रहे। धूम्रपान, मदिरापान से बचें। हर दर्द के लिये पेनकिलर न खाएं। शरीर में अतिरिक्त चर्बी न जमने दें।
मौसमी फलों का सेवन स्वास्थ्य की दृष्टि से फायदेमंद है। बैमौसमी सब्जियों का सेवन न करें। जूस घर पर ही पियें। नमक को नमक समझ कर ही खाएं। विटामिन और खनिज लवण का हमारे स्वास्थ्य से गहरा रिश्ता है। वसा का प्रयोग कम ही करें। कार्बोहाइड्रेट और वसा शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। कैल्शियम और आयरनयुक्त आहार को प्राथमिकता दें। नशे से बचें।
व्यायाम भी नियमानुसार करें
अक्सर लोग अपनी सुविधा और मर्जी से व्यायाम करते हैं और फिर छोड़ भी देते हैं। सही मार्गदर्शन में व्यायाम करें। उम्र और शारीरिक स्थिति के अनुसार व्यायाम करना चाहिये। व्यायाम नियमानुसार करे। सांस लेने और छोड़ने में तनिक भी लापरवाही घातक सिध्द हो सकती है। गलत पोस्चर में व्यायाम करने से अच्छा है व्यायाम न करें। फिजिकल ट्रेनर से मार्गदर्शन प्राप्त कर व्यायाम करें। योग और एरोबिक्स फिटनेस बनाए रखने के लिये लाभकारी हैं।

No comments:

Post a Comment