Sunday, June 17, 2012

काले हैं तो क्या हुआ…

कुछ पुरुष अथवा महिलाएं अपने काले या सांवले रंग के कारण दुःखी बने रहते हैं। वे शीशे के सामने जाने से घबराते हैं। उन्हें अपने रंग की चिंता किये बिना, अपने शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने पर अधिक ध्यान देना चाहिए। रंग गोरा होने पर यदि कोई रोगी रहता है तो उस गोरी त्वचा का क्या लाभ? हमें रोग मुक्त रहकर शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए, यह हमारा धर्म है।


त्वचा के सांवलेपन को हटाने के लिए बाजारू प्रसाधनों पर पैसा बर्बाद मत करें। ऐसा खाएं कि आपकी सांवली त्वचा पर भी निखार आने लगे।

स्वस्थ रहने के लिए पूरे शरीर को नियमित साफ रखें। इससे त्वचा में भी सुधार आता जायेगा।

शरीर पर नियमित मालिश करने के पश्चात् नहाने की आदत बना लें। इससे त्वचा पर खुरदरा या रूखापन भी नहीं आयेगा। शरीर में रक्त संचार ठीक होगा। रोग दूर भागेंगे।

जैतून का तेल खुरदरी या रूखी त्वचा को ठीक कर देता है। इसको लगाना अच्छा रहता है।

कच्चा दूध थोड़ा-सा कटोरी में लें। हल्की चुटकी नमक डालें। रूई के साथ चेहरे तथा हाथों पर मलें। रंग रूप दोनों निखरेंगे। स्वास्थ्य में भी वृध्दि आने लगेगी, क्योंकि रक्त संचार बढ़ जायेगा।

कच्ची सब्जियां, कच्चे फल, हरी सब्जियां तथा मौसमी फल अधिक मात्रा में लें। तले पदार्थों तथा जंक फूड से बचें। स्वस्थ होते जायेंगे।

शरीर को दिन भर 8 से 10 गिलास पानी मिलना ही चाहिए। इससे शरीर तो स्वस्थ होगा ही, आपकी सांवली त्वचा में भी चमक आती जायेगी।

गाजर खाएं। इसका रस चेहरे पर मलें। पानी में नींबू डालकर पीएं। छिलके को चेहरे पर मलें। एक-दो सप्ताह में चमत्कारी परिवर्तन देखेंगे।

अधिकारिक ताजा हवा, शुध्द हवा में जाएं। स्वास्थ्य तथा रंग, दोनों उत्तम होंगे।

Thursday, June 14, 2012

तनाव से छुटकारा दिलाएगी दोस्ती

अक्सर यह देखने को मिलता है कि जिन लोगों के अधिक दोस्त होते हैं वे कम तनावग्रस्त होते हैं बजाय उनके जो प्राय: गुमसुम से रहते हैं। दूसरों के साथ बातें करने से दिल का बोझ हल्का होने की कहावत बहुत पुरानी है। अब तो साइंस भी यह मान चुकी है कि तनाव से दूर रहने के लिए खुद को व्यस्त रखना जरूरी है। दिल और दिमाग की सोच के आपस में टकराने से तनाव पैदा होता है, इसलिए दिल की बीमारी का इससे गहरा रिश्ता है क्योंकि तनाव का भयंकर रूप ही हृदय रोग में बदलता है। बात बात पर निराश होना मन में जलन की भावना का अधिक होना या फिर उम्मीदों का बिखर जाना जैसी अनेक परेशानियां तनाव बढ़ाने में अहम भूमिका निभाती हैं।


पहले यह आम धारणा थी कि महिलाएं ज्यादा तनावग्रस्त होती हैं और पुरुष कम लेकिन अब तो मर्दों में भी यह बीमारी बढ़ती ही जा रही है। इसका एक कारण बढ़ती जनसंख्या के साथ बढ़ता कंपीटीशन भी है।

शिकागो में हुए एक सर्वेक्षण के हवाले से यह निष्कर्ष निकाला गया है कि जो लोग लम्बे समय तक टेलीफोन पर बातें करते हैं या बच्चों के साथ अधिक वक्त बिताते हैं, वे हमेशा प्रसन्नचित नजर आते हैं। रेडियो पर संगीत सुनना और टीवी पर मनपसंद प्रोग्राम देखना भी तनाव भगाने के लिए उपयोगी बताया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि ज्यादा से ज्यादा दोस्त बनाएं और तनाव से छुटकारा पायें।